Sunday, June 19, 2011

क्या है दक्षिण दिशा के वास्तु दोष प्रमाणिक उपाय....?


क्या है दक्षिण दिशा के वास्तु दोष प्रमाणिक उपाय....?

दक्षिण दिशा पर मुख्यत: मंगल देव का अधिपत्य है उनके साथ ही इस स्थान पर यम तथा राहु - केतु का भी प्रभाव व नियंत्रण वास्तुशास्त्र में माना गया है | यह स्थान यदि जादा खुला हो तो राहु केतु तथा यम का प्रकोप परिवार या व्यक्ति पर जादा बढ़ जाता है जिसके प्रभाव से जीवन में पग पग विघ्न - बाधा का सामना करना पड़ता है |
- किसी भी व्यक्ति के जीवन में इस्थाय्त्व के लिए इस स्थान का घर में सबसे ऊँचा व भारी होना अनिवार्य है | 

- यदि दक्षिणी क्षेत्र बढ़ रहा हो, तो उसे काटकर शेष क्षेत्र को वर्गाकार या आयताकार बनाये। 
- यदि दक्षिण में भवन की ऊंचाई के बराबर या उससे अधिक खुला क्षेत्र हो, तो बड़े विशालकाय वृक्ष लगाने चहिये |
- अमस्वाया के दिन संध्याकाल में यमदेव तथा राहु - केतु के निमित्त दारिद्र्यनारायण को अन्न दान करना तथा सरसों के तेल का दीप दक्षिण दिशा में घर के बाहर दान करना लाभ देता है |
- मंगल स्तोत्र व मंगल के वैदिक मंत्र का जाप, हनुमद आराधना, मंगल से सम्बंधित दान व घर के पूजा स्थल में विधिपूर्वक मंगल यंत्र या हनुमान यन्त्र की प्राण प्रतिष्ठा कर स्थापना करें। 
- घर में दक्षिण दीवार पर हनुमान जी का लाल रंग का चित्र लगाएं।
- इस दिशा के स्वामी मंगल देव व उनके अधिपति देवता हनुमान जो को प्रसन्न करने हेतु दक्षिण में लाल रंग का प्रयोग कर सकते है। 

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