उत्तर दिशा के दोष निवारण कर पाए अपार धन, सम्पदा...
वास्तु शास्त्र में उत्तर दिशा को माँ लक्ष्मी व कुबेर की दिशा का संबोधन दिया गया है शयद ऐसा इसलिए क्यूंकि उत्तर दिसा में शुभ उर्जा का सबसे बड़ा स्तोत्र उत्तरी ध्रुव जो है | यदि उत्तर दिशा बाधित या दोषग्रस्त हो जाये तो घर की साड़ी समृद्धि चली जाती है और फिर उस घर में दरिद्रता, दुःख, क्लेश, का निवास हो जाता है | तो आइये.....चर्चा करते है कुछ ऐसा सूत्रों की जो घर में उत्तर दिशा का दोष दूर करने में सहायक है |
- वास्तु में उत्तर दिशा का स्वामी बुध ग्रह को बताया गया है तो यदि इस दिशा में दोष हो तो बुध का जाप, हरी वास्तु का दान, गणेश जी की आराधना करे |
- विधि पूर्वक बुध यंत्र, कुबेर यंत्र अथवा लक्ष्मी यंत्र को प्राण-प्रतिष्ठित कर स्थापित करें।
- यदि उत्तर दिशा का भाग कटा हो, तो उत्तरी दीवार पर एक बड़ा शीशा लगाकर वृद्धि कर सकते है |
- इस स्थान पर भूमिगत जल क्षेत्र में विर्द्धि करना आश्चर्यजनक रूप से लाभ देता है |
- ब्राह्मणों, विद्यार्थियों और अध्ययन सामग्री का दान करें।
- उत्तर दिशा में हल्के हरे या हलके नीले रंग का प्रयोग करे ।
- उत्तर क्षेत्र की दीवार पर हरियाली या हरे चहकते हुए पक्षियों का शुभ चित्र लगाएं।
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