मंगल दोष एक ऐसी ज्योतिषीय स्थिति है, जो जिस किसी जातक की कुंडली में बन जाये तो उसे बड़ी ही अजीबोगरीब परिस्थिति का सामना करना पड़ता है, खासकर कन्याओ को तो कही जादा....उनके जीवन में या उनके आस पास किसी भी प्रकार की अशुभ घटना को उनसे जोड़ कर देखा जाता है...तरह तरह के ताने दिए जाते है.... आइये समझे के मंगल दोष है क्या....? और बनता कैसे है...?
यह सम्पूर्णत: ग्रहों की स्थति पर आधारित है | वैदिक ज्योतिष के अनुसार यदि किसी जातक के जन्म चक्र के 1, 4, 7, 8 और 12 वे घर में मंगल हो तो ऐसी स्थिति में पैदा हुआ जातक मांगलिक कहा जाता है | यह स्थति विवाह के लिए अत्यंत विनाशकारी और अशुभ मानी जाती है | संबंधो में तनाव व बिखराव, कुटुंब में कोई अनहोनी व अप्रिय घटना, कार्य में बाधा और असुविधा तथा किसी भी प्रकार की क्षति और दंपत्ति की असामायिक मृत्यु का कारण मांगलिक दोष को माना जाता है | ज्योतिष शास्त्र की दृष्टि में एक मांगलिक को दुसरे मांगलिक से ही विवाह करना चाहिए | यदि वर और वधु मांगलिक होते है तो दोनों के मंगल दोष एक दुसरे से के योग से समाप्त हो जाते है | मूल रूप से मंगल की प्रकृति के अनुसार ऐसा ग्रह योग हानिकारक प्रभाव दिखाता है, लेकिन वैदिक पूजा-प्रक्रिया के द्वारा इसकी भीषणता को नियंत्रित कर सकते है | मंगल ग्रह की पूजा के द्वारा मंगल देव को प्रसन्न किया जाता है, तथा मंगल द्वारा जनित विनाशकारी प्रभावों, सर्वारिष्ट को शांत व नियंत्रित कर सकारात्मक प्रभावों में वृद्धि की जा सकती है |
मंगल दोष शांति के विशेष दान :-
शास्त्रानुसार लाल वस्त्र धारण करने से व किसी ब्रह्मण अथवा क्षत्रिय को मंगल की निम्न वास्तु का दान करने से जिनमे - गेहू, गुड, माचिस, तम्बा, स्वर्ण, गौ, मसूर दाल, रक्त चंदन, रक्त पुष्प, मिष्टान एवं द्रव्य तथा भूमि दान करने से मंगल दोष दूर होता है | लाल वस्त्र में मसूर दाल, रक्त चंदन, रक्त पुष्प, मिष्टान एवं द्रव्य लपेट कर नदी में प्रवाहित करने से मंगल जनित अमंगल दूर होता है |
आइये मंगल दोष शांति के कुछ सरल उपाय जानते है:-
1 - चांदी की चौकोर डिब्बी में शहद भरकर हनुमान मंदिर या किसी निर्जन वन, स्थान में रखने से मंगल दोष शांत होता है |
2 - मंगलवार को सुन्दरकाण्ड एवं बालकाण्ड का पाठ करना लाभकारी होता है |
3 - बंदरों व कुत्तों को गुड व आटे से बनी मीठी रोटी खिलाएं |
4 - मंगल चन्द्रिका स्तोत्र का पाठ करना भी लाभ देता है |
5 - माँ मंगला गौरी की आराधना से भी मंगल दोष दूर होता है |
6 - कार्तिकेय जी की पूजा से भी मंगल दोष के दुशप्रभाव में लाभ मिलता है |
7 - मंगलवार को बताशे व गुड की रेवड़ियाँ बहते जल में प्रवाहित करें |
8 - आटे की लोई में गुड़ रखकर गाय को खिला दें |
9 - मंगली कन्यायें गौरी पूजन तथा श्रीमद्भागवत के 18 वें अध्याय के नवें श्लोक का जप अवश्य करें |
10 - मांगलिक वर अथवा कन्या को अपनी विवाह बाधा को दूर करने के लिए मंगल यंत्र की नियमित पूजा अर्चना करनी चाहिए।
11 - मंगल दोष द्वारा यदि कन्या के विवाह में विलम्ब होता हो तो कन्या को शयनकाल में सर के नीचे हल्दी की गाठ रखकर सोना चाहिए और नियमित सोलह गुरूवार पीपल के वृक्ष में जल चढ़ाना चाहिए |
12 - मंगलवार के दिन व्रत रखकर हनुमान जी की पूजा करने एवं हनुमान चालीसा का पाठ करने से व हनुमान जी को सिन्दूर एवं चमेली का तेल अर्पित करने से मंगल दोष शांत होता है |
13 - महामृत्युजय मंत्र का जप हर प्रकार की बाधा का नाश करने वाला होता है, महामृत्युजय मंत्र का जप करा कर मंगल ग्रह की शांति करने से भी वैवाहिक व दांपत्य जीवन में मंगल का कुप्रभाव दूर होता है |14 - यदि कन्या मांगलिक है तो मांगलिक दोष को प्रभावहीन करने के लिए विवाह से ठीक पूर्व कन्या का विवाह शास्त्रीय विधि द्वारा प्राण प्रतिष्ठित श्री विष्णु प्रतिमा से करे, तत्पश्चात विवाह करे |
15 - यदि वर मांगलिक हो तो विवाह से ठीक पूर्व वर का विवाह तुलसी के पौधे के साथ या जल भरे घट (घड़ा) अर्थात कुम्भ से करवाएं।
16 - यदि मंगली दंपत्ति विवाहोपरांत लालवस्त्र धारण कर तांबे के पात्र में चावल भरकर एक रक्त पुष्प एवं एक रुपया पात्र पर रखकर पास के किसी भी हनुमान मन्दिर में रख आये तो मंगल के अधिपति देवता श्री हनुमान जी की कृपा से उनका वैवाहिक जीवन सदा सुखी बना रहता है |
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